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Showing posts from November, 2019

Teacher : an incredible God innovation

This poetry was jotted down when I found that God has forged someone to educate and construct an extraordinary life Someone has confessed genuine: “A good  teacher  can inspire hope, ignite the imagination, and instil a love of learning.” 

चरित्र निर्माण के बिना शिक्षा अधूरी

           चरित्र (आचरण या चाल-चलन) *यहां आचरण का अर्थ है-सदगुणों का समुच्चय। जिस व्यक्ति के व्यवहार में सत्य, न्याय, प्रेम, मानवता, करुणा, दया, अहिंसा, त्याग आदि गुण एकत्र हो जाते हैं, वह चरित्रवान कहलाता है। इसके विपरीत, जिनमें ये गुण क्षीण होते हैं, या कमजोर होते है, वे पतित या चरित्रहीन कहलाते हैं। चरित्र की रक्षा किसी अन्य धन की रक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है ।  जीवन में सच्ची सफलता पाने के लिए व्यक्ति का चरित्रवान होना जरूरी है , सच्ची सफलता से आशय एक ऐसे उद्देश्य की प्राप्ति से है , जो हमारे साथ-साथ समाज के लिए भी कल्याणकारी हो , जो शाश्वत हो और जिसकी  प्राप्ति हमें हर प्रकार से संतुष्टि दे सके और जिसे पाने के बाद किसी अन्य चीज को पाने की ईच्छा न रहे , ऐसे लक्ष्य की प्राप्ति ही सच्ची सफलता कहलाती है । चरित्र का निर्माण जन्मजात गुणों और आदत से ढाले गए व्यवहार से मिलाकर होता है। जन्मजात गुण ईश्वर की देन है, परंतु आदतें अपने हाथ में होती है। गांधी जी का उदाहरण हमारे सामने है। वे प्रतिभा में अत्यंत सामान्य थे। परंतु उन्होंने सत्य, अहिंसा...